दानवीर कैंट बोर्ड के एक और कारनामे, पानी की तरह पैसों का भुगतान
देहरादून। जन केसरी
अपना छावनी परिषद गढ़ी किसी बड़े दानवीर व्यक्ति विशेष से कम नहीं है। जब भी दान करने का मौका मिलता है चूकता नहीं है। हालांकि इस दान के पीछे कहानी कुछ और ही होती है। अब नया मामला घंघोड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड से है। यहां ठेकेदार द्वारा एक मशीन लगाई गई है। इस मशीन का काम कूड़े को रिसाइकिल कर खाद्य बनाने की है। ये मशीन बरसात के समय से बंद पड़ी है। जिसके चलते ग्राउंड परिसर में कूड़े का अंबार लग गया है। इधर, दानवीर कैंट बोर्ड हर हर साल इस मशीन संचालित के नाम पर 08 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर रहा है। अब ये रकम सिर्फ ठेकेदार के हिस्से में जा रही है या कैंट बोर्ड का भी इसमें कुछ हिस्सा है, जांच पड़ताल के बाद ही पता चलेगी।
कैंट बोर्ड का नाम पिछले कुछ माह से सुखियों में है। हाल ही में प्रेमनगर स्थित दशहरा ग्राउंड को भी 15 दिन के लिए एक कंपनी को मेले आयोजन के लिए दिये जाने पर सवाल उठे थे। बाद में पता चला कि कैंट बोर्ड के नाम पर किसी एक कर्मचारी ने उनसे एक लाख रुपये लेकर आये थे। ये मामला भी ठंडे बस्ते में पड़ गया।
इसके अलावा क्षेत्र में हो रहे धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। कैंट बोर्ड द्वारा नोटिस जारी कर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। सिर्फ नोटिस जारी करने पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब नया मामला ट्रेंचिंग ग्राउंड से जुड़ा हुआ है। इधर, ठेकेदार के सुपरवाइजर धनंजय यादव ने कहा कि बरसात में मशीन बंद थी। इसके बाद मशीन चलनी चाहिए थी क्यों नहीं चल रही है इसको मौके पर जाकर देखने के बाद ही बता पायेंगे।