उत्तराखण्डक्राइम

उत्तराखंड एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, विदेशी कस्टम अधिकारी बनकर ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़

देहरादून। जन केसरी
उत्तराखंड एसटीएफ ने देश के सबसे बड़े पावरबैंक फर्जीवाड़े के बाद फिर से देहरादून से चल रहे अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराध का भंडाफोड़ किया है। देहरादून के आईटी पार्क क्षेत्र में एक निजी भवन में चल रहे साइबर सेंटर पर छापेमारी कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जो कि विदेशी कस्टम अधिकारी बनकर विदेशी नागरिकों के साथ फर्जीवाड़ा कर रहे थे। एसटीएफ ने खुलासा करते हुए कहा कि दून से संचालित इस सेंटर को 18 लोगों का गैंग संचालित कर रहा था। अन्य अभियुक्तों की तलाश जारी है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने एसटीएफ कार्यालय में गुरूवार को प्रेसवार्ता के दौरान इसका खुलासा किया। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि आईटी पार्क क्षेत्र के एक निजी भवन में ट्रेकनाउ ट्रेवल्स के यहां एसटीएफ की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान कार्यालय में चार युवक मिले। सख्ती से पूछताछ करने पर हिरासत में लिए युवकों ने बताया कि वे यूएस कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ऑफिस के नाम पर फर्जी अधिकारी बनकर विदेशी नागरिकों को फोन कर धोखाधड़ी करते थे। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों को भनक लग गई थी कि पुलिस उनपर नजर रख रही है। इसलिए वे ऑफिस बंद कर भागने के फिराक में थे। उन्होंने ऑफिस का पूरा सामान समेट भी लिया था। हालांकि एसटीएफ की टीम अभियुक्तों के फरार होने से पहले ही उन्हें दबोच लिया।
ये अभियुक्त गिरफ्तार
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में दीपक निवासी उत्तम नगर दिल्ली, सिमन निवासी पालम नई दिल्ली, गगन निवासी महेंद्र नगर नेपाल तथा मोनू निवासी दिल्ली के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि ये सभी अभियुक्त मासिक वेतन पर इस सेंटर में काम कर रहे थे। इनमें से दीपक आईटी डेड विभाग को देख रहा था।
ये सामान बरामद
एसटीएफ की टीम ने इस सेंटर से 20 लेपटॉप, दो डेस्कटॉप, तीन मोबाइल, एक कैब समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद की है। अजय सिंह ने कहा कि अभियुक्तों से पूछताछ में और भी कई अहम सुराग मिले हैं। इस आधार पर टीम आगे की कार्यवाही कर रही है।

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