एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर मंगलवार को विपक्षी दलों के कई नेता जुटे. ये मीटिंग राष्ट्र मंच के बैनर तले बुलाई गई थी और इसे देश में ‘वैकल्पिक सोच विकसित करने का प्रयास’ बताया गया.
मीटिंग के पहले कई नेताओं ने संकेत दिए कि ये केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी गोलबंदी की कोशिश है. हालांकि, मीटिंग के बाद कई नेताओं ने कहा कि ये दावा सही नहीं है.उधर, भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों की भी इस मीटिंग पर नज़र थी. केंद्र सरकार में शामिल नेताओं और बीजेपी ने विपक्षी दलों की मोर्चेबंदी को लेकर कई सवाल खड़े किए.केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के नेता ने रामदास अठावले ने विपक्षी एकता के ‘सूत्रधार’ बताए जा रहे एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पार्टी के राजनीतिक कद पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी नंबर 1 बने रहेंगे.’वहीं, भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने विपक्षी एकता पर चुटकी लेते हुए कहा कि जनता से ‘ बार-बार नकारे गए नेताओं को दिन में सपने देखने से कोई नहीं रोक सकता’ है.एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर मंगलवार शाम हुई मीटिंग को गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस दलों को साथ लाने की कोशिश के तौर पर चर्चा मिली.लेकिन, करीब ढाई घंटे तक चली मीटिंग के बाद मीटिंग में शामिल रहे नेताओं ने दावा किया कि ये बैठक न तो ‘केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ मोर्चे बंदी है और न ही इसमें कांग्रेस को अलग-थलग रखा गया है.’मीटिंग में शामिल रहे एनसीपी नेता माजिद मेमन ने बताया, “ये बैठक राष्ट्र मंच के प्रमुख यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी. ये कहा जा रहा है कि शरद पवार साहब कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा रहे हैं और कांग्रेस का बहिष्कार किया गया है. ये सही नहीं है. “