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श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या मेें जमीन खरीद में गडबडी

नई दिल्ली। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या मेें जमीन खरीद में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाले सियासी लोगों पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा ये वहीं रामद्रोही लोग हैं, जो राम को काल्पनिक बताते रहे हैं तथा हर चरण में भव्य मंदिर निर्माण में रोड़े अटकाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आधारहीन आरोप उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के मद्देनजर लगाए जा रहे हैं। इससे इस आंदोलन से जुड़े चंपत राय जैसे लोगों की दशकों की तपस्या व संघर्ष को धूमिल करने तथा उनके प्रति संदेह पैदा करने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। आलोक कुमार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सुझाव देते हुए कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए और पहले के दो बार की तरह आरोप लगाने वालों की तरफ से माफी मांग लेने पर क्षमा कर देने वाली स्थिति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने विवाद को तथ्यहीन और भ्रामक बताते हुए कहा कि पूरे खरीद मामले में कोई संदेह नहीं है। इसलिए किसी जांच की जरूरत नहीं है। यह पूरी तरह से पारदर्शी है। सारा लेनदेन बैंक खाते के माध्यम से हुआ है। जिस जमीन को 18.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया है। उसका वर्तमान मूल्य तकरीबन 20 करोड़ रुपये हैं। यह खरीद से पहले पता लगाया गया था। वर्ष 2012 में उक्त जमीन के मालिक कुसुम पाठक व हरीश पाठक ने उस समय जमीन के बाजार मूल्य के हिसाब से दो करोड़ रुपये में सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी के पक्ष में “एग्रीमेंट टू सेल’ किया था। जबकि नौ सालों की अवधि के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा नए अयोध्या की चर्चा से वहां जमीन के भाव कई गुना बढ़ गए। यह जमीन अयोध्या रेलवे स्टेशन के पास है। बहुत उपयोगी है। तीर्थ क्षेत्र ने उक्त जमीन को लेने के लिए कुसुम पाठक, सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से बात की। इसको तीनों में से कोई एक अकेले नहीं बेच सकता था। इसलिए तय हुआ कि एग्रीमेंट टू सेल के अनुसार कुसुम पाठक इसको सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को बेच दें। फिर मंदिर ट्रस्ट इसे खरीद लेगा। यह भी सोचा गया कि यह दोनों काम एक साथ ही कर लेने चाहिए। एक ही व्यक्ति स्टाम्प पेपर लेने गया। इसलिए कौन पहले या बाद में मिला इसका कोई औचित्य नही है। आलोक कुमार ने कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा जमीन खरीद को पाप बताने संबंधी बयान पर उन्हे याद दिलाते हुए कहा कि उनकी ही पार्टी की केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राम “काल्पनिक’ हैं। सरकार ने रामसेतु तोड़ने की योजना तक बनाई थी। इसी तरह कांग्रेस पार्टी के नेताओं के द्वारा निधि समर्पण अभियान तथा भूमि पूजन कार्यक्रम पर भी सवाल उठाए गए। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर सवाल उठाने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के बारे में चुटकी लेते हुए कहा कि उनका ऐसा ही रिकार्ड रहा है। वह आरोप लगाते है, उन पर मुकदमा होता है और वह क्षमा मांगते है।

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