एजेंसी|दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया का निधन हो गया. इस मुखिया का नाम था जियोना चाना जो मिजोरम के रहने वाले थे. इनकी 38 पत्नियां थीं और कुल 89 बच्चे थे. कहा जाता है कि चाना ने शुरू में महज एक साल में 10 शादियां रचा ली थीं. उनका कुनबा लगातार बढ़ता गया सभी लोग सुख-चैन से एक साथ रहते चले गए. परिवार में किसी प्रकार की खटपट नहीं सुनी गई. यहां तक कि परिवार के हर सदस्य का काम बंटा हुआ है. अनुशासन का पालन सर्वोपरि है, इसलिए परिवार में कोई बिखराव देखने को नहीं मिली.
जियोना चाना ने 76 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. मिजोरम की राजधानी आइजॉल के ट्रिनिटी हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया. उनकी तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी. उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटिज की शिकायत थी. 7 जून को चाना की तबीयत खराब हुई थी और तब से वे ठीक से खा नहीं पा रहे थे. 11 जून तक वे अचेतावस्था में रहे. मिजोरम के दूरदराज के इलाके बक्तांग में चाना का परिवार रहता था. उनकी तबीयत खराब होने पर कुछ डॉक्टर घर पर ही इलाज करने गए थे. बाद में उन्हें आइजॉल के अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा. अचानक खून की कमी के चलते उनकी तबीयत और गंभीर हो गई थी. चाना का गांव बक्तांग सेरछिप जिले में पड़ता था.
4 मंजिला घर में रहता है परिवार
21 जुलाई 1945 को जन्मे जियोना चाना ने 17 साल की उम्र में जाथियांगी से पहली शादी रचाई थी. तब उनकी पत्नी का उम्र उनसे 3 साल ज्यादा थी. जाथियांगी के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अनुशासन बहुत प्यारा था और परिवार में वे हर हाल में इसका पालन कराती थीं. बाद में एक साल के अंदर चाना ने 10 महिलाओं के साथ शादी की लेकिन परिवार का कंट्रोल जाथियांगी के हाथों में ही रहा. परिवार बढ़ता गया जिसके रहन-सहन के लिए जियोना ने चार मंजिला घर बनाया था. यह किसी बोर्डिंग हाउस से कम न था. चाना ने इस घर का नाम रखा था-छुआन थार रन. इसका अर्थ हुआ नई पीढ़ी का घर. यह घर बक्तांग की पहाड़ियों पर स्थित है. यह घर अभी भी है जिसमें सभी लोग रहते हैं. हालांकि कुछ बच्चे बड़े हुए और वे अपने परिवार के साथ कहीं और रहने लगे हैं.
मेहमानों के लिए बनाया गेस्ट हाउस
घर के अलावा जियोना चाना ने एक कुआलबुक यानी कि गेस्ट हाउस भी बनाया था ताकि मेहमान आएं तो उन्हें ठहरने में कोई दिक्कत न हो. घर के ग्राउंड फ्लोर पर जियोना चाना का डबल बेडरूम है. रिपोर्ट के मुताबिक, रोस्टर के हिसाब से यह पहले तय हो जाया करता था कि चाना किस पत्नी और परिवार के साथ कितने दिनों तक रहेंगे. चाना जिस फ्लोर पर रहते थे, उस फ्लोर पर उनकी नवविवाहित पत्नियां रहती थीं. चाना की सेवा में हर वक्त 7-8 पत्नियां लगी रहती थीं जो उनकी सुविधाओं का खयाल रखती थीं.
चाना की पत्नियां बताती हैं कि उनके बीच कभी किसी तरह का मनमुटाव या झगड़ा नहीं देखा गया. नई पत्नियां ग्राउंड फ्लोर पर रहती हैं, जबकि उम्रदराज पत्नियां फर्स्ट फ्लोर पर डोरमेंट्री में रहती हैं. चाना की कुल पत्नियों में 22 पत्नियां 40 साल से कम उम्र की हैं.
बच्चों के लिए बनाया था स्कूल
चाना के परिवार में 26 दामाद हैं और वे अपनी पत्नियों के साथ अलग परिवार में रहते हैं. कहा जाता है कि चाना ने अपने परिवार में सबका नाम अपने हिसाब से रखा है. यहां तक नाती-पोतों का नाम भी चाना ने ही रखा है. चाना का पूरा परिवार आत्मनिर्भर है, भोजन के लिए खुद की खेती करता है. अनाज पानी के लिए बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. चाना का परिवार बड़ा था, इसलिए अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए खुद ही स्कूल बनाया था. चाना के छोटे भाई स्कूल चलाते थे और बच्चों को पढ़ाते थे. स्कूल का सिलेबस सरकारी था, लेकिन चाना समुदाय से जुड़ी बातें भी बच्चों को प्रमुखता से पढ़ाई जाती थीं. चाना ने इस स्कूल के लिए कभी सरकार से कोई मदद नहीं ली.
घर में सबका बंटा है काम
जियोना चाना की पत्नियां खाना बनाती हैं, बेटियां घर की साफ-सफाई का काम देखती हैं. घर के पुरुष खेती, पशुपालन, कुटिर उद्योग, कारपेंटरी, एल्युमिनियम के बर्तन बनाने जैसा काम करते हैं. जियोना चाना के परिवार को दुनिया के सबसे बड़े परिवार का दर्जा मिला था. जियोना चाना का परिवार चाना समुदाय से ताल्लुक रखता था जो ईसाई धर्म का एक हिस्सा है. चाना दुनिया में पहले और आखिरी ऐसे व्यक्ति थे जो सबसे बड़े परिवार के मुखिया थे.