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सुष्मिता के खिलाफ जारी वारंट पर रोक
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने विदेशी व्यापार नीति के प्रावधानों का कथित उल्लंघन करके एक लग्जरी कार का आयात करने के मामले में अभिनेत्री सुष्मिता सेन के खिलाफ जारी वारंट पर रोक लगा दी है। यह वारंट एक निचली अदालत ने जारी किया था। बुधवार को जब पूर्व मिस यूनिवर्स की ओर से दायर याचिका अदालत के समक्ष आई तो न्यायमूर्ति आर. सुरेश कुमार ने एगमोर स्थित आर्थिक मामलों की अदालत को निर्देश दिया कि वह अभिनेत्री के खिलाफ जारी वारंट की तामील सुनवाई की अगली तारीख तक न करे। इसके साथ ही न्यायमूर्ति सुरेश कुमार ने मामले की सुनवाई दो अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
यह मामला कस्टम विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय ने दर्ज किया था। इन्होंने पाया था कि लग्जरी वाहन का आयात एग्जिम नीति के नियमों के प्रावधानों का दुरूपयोग करके किया गया था। जांच में पाया गया कि किसी हैरेन चोक्से नामक व्यक्ति ने किसी वासु पंडारी थामला नामक व्यक्ति द्वारा आयातित टोयोटा लैंडक्रूजर सुष्मिता को बेची थी। बाद में पाया गया कि कार का आयात करते समय नंबर, निर्माण वर्ष और कीमत की कथित तौर पर गलत घोषणा की गई। हालांकि कार का मॉडल वर्ष 2004 का था लेकिन कस्टम शुल्क से बचने के लिए इसे वर्ष 1998 का बताया गया था।
24 जनवरी 2006 को डीआरआई ने वाहन को जब्त कर लिया था और इसके बाद सुष्मिता ने खुद ही कस्टम ड्यूटी के तौर पर 20.31 लाख रूपए जमा करवा दिए थे। तब संबंधित अधिकारियों ने वर्ष 2008 में थामला पर 20 लाख और चोकसी पर 10 लाख रूपए का जुर्माना लगा दिया। कार को चेन्नई पत्तन आबकारी प्राधिकरण की ओर से मंजूरी मिल जाने के बाद चोकसी और थामला के खिलाफ आबकारी शुल्क चोरी का मामला दर्ज किया गया और सुष्मिता को इन दोनों के खिलाफ सबूत उपलब्ध कराने के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया था। वारंट को चुनौती देते हुए सुष्मिता ने उच्च न्यायालय का रूख किया था।