भगवान बहुत ही दयालु होते हैं : स्वामी स्वरूपानंद सरस्वत
खबरीलाल रिपोर्ट (वृंदावन) ::- ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज अपने अमृत प्रवचन का रस पान कराते हुए उपस्थित भक्तगणों से कहा कि – भगवान बहुत ही दयालु होते हैं। राक्षसी पूतना एक ऐसी राक्षस थी जो पवित्र नहीं थी और वह अन्य को भी अपवित्र कर देती थी। उस पूतना ने जब भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन का दूध पिलाकर मारना चाही तब भगवान ने अपनी लीला से उसकी इहलीला समाप्त कर दिए। जब वासुदेव जी की बात मानकर नन्दजी गोकुल पहुंचे तो उन्होंने देखा एक भयानक राक्षसी पड़ी हुई है और उसके स्तन पर नन्हा कृष्ण खेल रहे हैं। लोगों ने उस राक्षसी के पैर, हाथ अलग अलग कुल्हाड़ी सड़ काटकर लकड़ी से जला दिए लेकिन उसके धुंए में कोई अशुद्ध गंध नहीं था। महाराजश्री आगे कहते हैं कि जिसका स्तन भगवान पी ले उसमे अशुद्धि कहाँ रहेगी। उस राक्षसी पूतना के शरीर को भगवान कृष्ण ने शुद्ध कर दिया और उसे वही गति दिए जो उनके माता को मिलता। आगे महाराजश्री कहते हैं कि भगवान कृष्ण को मारने के नियत से पूतना ने अपने स्तन से दूध पिलाई, फिर भी उसे सद्गति मिल गई। इसलिए जो प्रेम से भगवान को खिलायेगा, उनका स्मरण करेगा, उनका नाम लेगा उसे सद्गति अवश्य मिलेगी।