बिहार

यहां पहली बार मिले थे श्रीराम से बजरंगबली, जानें कहां?

आज हम आपको एक एेसे स्थान के बार में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में लोगों को पता तो क्या उन्होंने सुना भी नहीं होगा। इतना ही नहीं भारत में होते हुए भी ये स्थान जिसका इतिहास रामायण से जुड़ा हुआ है, फिर भी भारत के नक्शे में देखने को नहीं मिलता। तो आइए आपको बताते हैं, आखिर यह कौन सी जगह हैं और कहां स्थित है।

अगर बात की जाए हिंदू धर्म के भगवान पवनपुत्र हनुमान जी के जन्म की तो किसी को इस बारे में ठीक से नहीं पता। कुछ किवदंतियों की मानें तो इनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। लेकिन आज हम बजरंगबली के जन्म से जुड़े उस स्थान से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे लेकर कहा जाता है अंजनी पुत्र हनुमान अपने प्रभु से पहली बार यहीं मिले थे।

कहां हुई थी राम-हनुमान की मुलाकात
मान्यता है कि कर्नाटक में स्थित हम्पी शहर के बेल्लारी जिला वहीं स्थान है जहां श्री राम और हनुमान एक-दूसरे से पहली बार मिले थे। कहते हैं कि यह हनुमान जी के पिता केसरी जी का साम्राज्य हुआ करता था। यहां की गुफाएं हद से ज्यादा बड़ी और विशाल है। पौराणिक मतानुसार इसे वानरों की नगरी कहा जाता है।

जब भगवान श्री राम माता सीता की खोज में घूम रहे थे तब नगर में खूबसूरत लोगों को देखकर हनुमान जी ने ब्राह्मण का वेश बदलकर इनकी खोज की थी। हम्पी में हनुमान जी का एक बहुत ही विशाल मंदिर है लेकिन हनुमान जी के भक्त इस मंदिर के बारे में नहीं जानते हैं और यही पर हर साल हनुमान जयंती पर बहुत ही बड़ा एंव विशाल मेला लगता है। जब भगवान श्री राम माता सीता जी को लेकर वापस अयोध्या आ रहे थे तब राम जी ने रास्ते में मां सीता को किष्किंधा पूरी के बारे में बताया था इस बात का सारा वर्णन रामायण में दर्ज है।

हनुमान जी के जन्म की कथा
हनुमान जी का जन्म कर्नाटक की किष्किंधा में हुआ था यहां पर अंजना पर्वत भी है और जहां उसके ऊपर एक विशालकाय मंदिर स्थापित है। इस मंदिर तक जाने के लिए 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। आपको बता दें कि यहां हनुमान जी के जन्म का कोई प्रमाण तो नहीं है लेकिन ये ज़रूर निश्चित है कि हनुमान जी के माता पिता ने इनके जन्म के लिए यही तपस्या की थी, जिसके बाद उन्हें हनुमान जी के जन्म का आशीर्वाद मिला था। इसीलिए इस स्थल को किष्किंधा के नाम से जाना जाता है। मंदिर परिसर में एक प्रतिमा है जिसमें हनुमान जी अपनी मां अंजना की गोद में खेल रहे हैं। इसी जगह पर रामायण से जुडी और भी बहुत सारी जगहें हैं जैसे शबरी स्थान और पाम्पा का सरोवर।
उनके इष्ट के दर्शन?

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