टीबी, स्किन एलर्जी या दिमागी बुखार हो सकता है नोट से, व्यापारियों ने की जांच की मांग

अगर हम आपसे कहें कि दिन में जितनी बार भी आप रुपये को हाथ लगाते हैं, आपके बीमारी पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। आपको लगेगा कि हम किसी वहम या सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फेक न्यूज की बात कर रहे हैं। मगर जनाब यह सच है। यह रुपया यानी करेंसी नोट लोगों को गंभीर रूप से बीमार बना रहा है।
कैट ने की जांच की मांग
इस मामले की जांच के लिए व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से जांच मांग की है। रोगाणु से दूषित नोटों से कई गंभीर बीमारियां फैलने की आशंका है। इनमें मूत्र और सांस की नली के संक्रमण, सेप्टिसीमिया, त्वचा रोग, दिमागी बुखार, टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम और कई तरीकों के गैस्ट्रो-इंटेस्टिनल शामिल हैं। व्यापारी संगठन ने यह दावा अलग-अलग अध्ययनों से मिली जानकारी के आधार पर किया है।
सरकार उठाए जरूरी कदम
वित्त मंत्री अरुण जेटली को संगठन ने रविवार को भेजे अपने पत्र में वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि लोगों को इसके संपर्क में आने से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए इसके रोकथाम के लिए जरूरी उपाए किए जाने चाहिए। कैट ने अपने पत्र में नोटों से लोगों की सेहत पर खतरे की आशंका को लेकर आगाह किया है। कैट ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन को भी यह पत्र भेजा है।
कैट ने दिया कई अध्ययनों का हवाला
कैट के सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि साइंस जर्नल इन चौंकाने वाली सच्चाइयों को हर साल छापते हैं। मगर, सरकार ने इस पर अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि करेंसी नोट का सबसे अधिक इस्तेमाल व्यापारियों द्वारा किया जाता है और इन नोटों से होने वाली गंभीर बीमारियों का सबसे अधिक असर भी उन पर ही होगा।
कैट ने अपने पत्र में कई अध्ययनों और मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द संज्ञान में लेने का आग्रह किया है।