हर साल यहां से निकलती है भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा
जगन्नाथ शब्द का अर्थ है जगत के स्वामी। ओडिशा राज्य के शहर पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर हिन्दूओं का प्रसिद्ध मंदिर है। वैष्णव सम्प्रदाय का यह मंदिर हिंदुओं की चार धाम यात्रा में माना जाता है।
सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी यहां पधारे थे जिनका पवित्र स्थान ‘नानक मठ’ जगन्नाथ मंदिर के सामने है। भक्त कवि सूर, तुलसी और मीरा ने भी श्री जगन्नाथ के दर्शन किए थे। चैतन्य महाप्रभु यहां लंबे समय तक रह कर भक्ति साधना करते रहे।
धर्म शास्त्रों में इसे जगन्नाथ पुरी के अलावा शंख क्षेत्र, श्री श्री क्षेत्र और पुरुषोत्तम क्षेत्र भी कहा गया है। भारत के चार धामों में यह भी एक धाम है। ऐसी मान्यता है कि यह कलियुग का धाम है। शंकराचार्य द्वारा देश की चारों दिशाओं में स्थापित मठों में से एक मठ पुरी में भी है जो ‘गोवर्धन पीठ’ के नाम से प्रसिद्ध है।
पवित्र मंदिर बारहवीं सदी में नरेश चोडग़ंग द्वारा निर्मित 65 मीटर ऊंचा श्री जगन्नाथ मंदिर यहां का प्रमुख और सर्वाधिक विशाल मंदिर है। इस मंदिर के मुख्य भाग को ‘विमान’ या ‘श्री मंदिर’ कहते हैं जिसमें रत्नवेदी पर भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम की महादारू लकड़ी से निर्मित दिव्य प्रतिमा हैं। मंदिर में प्रतिदिन पूजा और आरती के समय भक्तिपूर्ण संगीत कार्यक्रम होता है जिसमें मृदंग और अनेक प्रकार के वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। अहाते में स्थित एक छोटे से मंदिर में श्री विश्वनाथ शिवलिंग है जिनकी पूजा काशी स्थित बाबा विश्वनाथ की पूजा के समान फलदायी मानी जाती है। मंदिर के समीप ही एक विशाल कल्पवृक्ष के नीचे भगवान विष्णु के बाल स्वरूप की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
हर वर्ष यहां होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भारत ही नहीं, विश्व के सबसे विशाल और महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक है जिसमें भाग लेने के लिए पूरी दुनिया से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण तथा देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे बलरामजी का रथ, उसके बाद बीच में देवी सुभद्रा और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का रथ होता है।
पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के अलावा अन्य दर्शनीय स्थल हैं जिनमें गंभीर मठ, बेड़ी, हनुमान और साक्षी गोपाल प्रमुख हैं।
भारत सरकार तथा राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध कर रखे हैं। सूचना केंद्रों से जानकारी लेकर इनका उपयोग किया जा सकता है। विशेषकर विश्वविख्यात श्री जगन्नाथपुरी रथ यात्रा संबंधी सूचनाएं यहां से मिलती हैं।