उत्तराखण्ड

बरसात के बाद भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे सहित 148 सड़कें बंद

देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन से यात्रियों की परेशानियां भी बढ़ गईं हैं। बरसात से हुए भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे पर गोपेश्वर-चोपता कुंड  केदारनाथ हाइवे पर वॉश आउट होने से  बाधित हो गया है। बारिश की वजह से घाट दांगी पुल बह गया है।साथ ही, घिंघराण पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ। हाईवे और सड़कें बंद होने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं।

राहत की बात है कि बद्रीनाथ केदारनाथ हाईवे यातायात के लिए सुचारू है। हालांकि सुबह के दौरान केदारनाथ हाईवे मुनकटिया में मलबा आने से बाधित रहा, किंतु शीघ्र से खोल दिया गया। वहीं बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे यातायात के दौरान मुश्किलें हो रही है। किंतु यहां यातायात सुचार चल रहा है। केदारनाथ धाम की यात्रा सुचारू चल रही है। शनिवार को सुबह 8:00 बजे तक 600 यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए। जिले के सभी स्थानों पर बादल लगे हैं, और कहीं-कहीं पर हल्की बारिश हो रही है।

कालसी चकराता मार्ग जजरेट के पास बंद
विकासनगर। 
कालसी चकराता राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कालसी क्षेत्र में चार मोटर मार्ग सडक पर मलबा आने के कारण बंद रहे। कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट के पास आज सुबह भारी मलबा आ गया। जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गयी।लोनिवि ने दोनों ओर से जेसीबी लगाकर करीब तीन घंटे बाद मार्ग को खुलवा कर यातायात शुरु करवाया।

उत्तरकाशी जिले में चार मोटर मार्ग बंद
उत्तरकाशी । 
उत्तरकाशी जिले में चार सड़कें अभी भी यातायात के लिए ठप हैं। मोरी में फफराला खड्ड के उफान से ध्वस्त मोरी-सांकरी सड़क पर देर शाम यातायात चालू हो गया है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि शनिवार तक जिले की सभी सड़कें यातायात के लिए खोल दी जाएगी।

टिहरी जिले के चार ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित

नई टिहरी। बीते बुधवार सुबह हुई भारी बारिश के कारण नरेन्द्रनगर ब्लॉक के बेरनी-ओडाडा-पोखरी, भिलंगना के घुत्तु -कफोलगांव-सटियाला गांव, कीर्तिनगर के गहड़-पल्यापटाला तथा जौनपुर के मरोडा- बनाली-कुंड ग्रामीण लिंक मोटर मार्ग शुक्रवार को भी बाधित रहे।

पिथौरागढ़ में आसमानी आफत से थल-मुनस्यारी सड़क पर लोहे का पुल टूटा
पिथौरागढ़। 
सीमांत में आसमानी आफत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुनस्यारी के द्वालीगाड़ से एक किमी ऊपर बादल फटने से यह गाड़ उफान पर आ गई, जिससे इसमें बना लोहे का पुल टूट गया। इस पुल के टूटने से पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क पूरी तरह बंद हो गई है, जिससे यहां की 40 हजार से अधिक की आबादी की मुश्किल बढ़ गई है।

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