हरजीत सज्जन की मुश्किलें बढ़ीं!
ओटावा। कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन मुश्किलों में घिर गए हैं। हरजीत सज्जन भारत यात्रा के दौरान अफगानिस्तान में अपने सैन्य रिकॉर्ड को लेकर दिए गए बयान के चलते विपक्ष के निशाने पर हैं। कनाडा के विपक्षी दलों ने सज्जन को पद से हटाए जाने की मांग की है।
सज्जन ने भारत यात्रा के दौरान पिछले महीने दिल्ली में कहा था कि वे अफगानिस्तान में 1950 के बाद से कनाडा के सबसे बड़े सैन्य ऑपरेशन के प्रणेता थे। कनाडा के इस ऑपरेशन को मेडुसा के नाम से जाना जाता है। इस ऑपरेशन से तालिबान को काफी नुकसान पहुंचा था और कंधार से उसकी पकड़ ढीली हो गई थी।
लेकिन इस ऑपरेशन में एक दर्जन कनाडाई और 14 ब्रिटिश सैनिक भी मारे गए थे। सज्जन राजनीति में आने से पहले मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर थे।
कनाडा के विपक्षी दल टोरिज की नेता रोना एम्ब्रोस ने कहा कि एक बार फिर से देखने को मिला है कि रक्षा मंत्री ने कनाडा के लोगों को भ्रमित किया है और यह बड़ा मसला है। प्रधानमंत्री उन्हें पद पर कैसे बनाए रख सकते हैं जबकि वह बार-बार गलत तथ्य बता रहे हैं।
रोना ने बताया कि सज्जन ने 2015 में भी इसी तरह का एक बयान दिया था। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता टॉम मुलकेयर ने कहा कि अपनी प्रोफाइल बढ़ाने के लिए साफ झूठ कहा गया। इसके लिए माफी काफी नहीं है बल्कि आपको पद छोड़ना होता है। सज्जन ने हाउस ऑफ कॉमंस में इस मुद्दे पर कई बार माफी मांगी है। इसके बाद से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुड्यू उनके साथ खड़े हैं।
ट्रुड्यू ने कहा कि मंत्री ने गलती की। उन्होंने इसे माना और माफी मांग ली। कनाडाई लोगों से यही उम्मीद की जाती है। मंत्री ने कई तरह से देश की सेवा की है। पुलिस, सैनिक और अब मंत्री के रूप में वे देश के लिए काम कर रहे हैं। उन पर मुझे पूरा भरोसा है।
वहीं सज्जन ने कहा कि मेरे से उच्च पदस्थ और हमारे जवानों के काम को कमजोर करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। मैं इसके लिए वास्तव में दुखी हूं।