ब्राह्मण-क्षत्रिय-सामाजिक एकता में बाधक लोगों को प्रभु सद्बुद्धि प्रदान करें:एमएलसी दिनेश सिंह
रायबरेली: एमएलसी दिनेश सिंह ने रायबरेली में लोगों को ब्राह्मण – क्षत्रिय और सम्पूर्ण सामाजिक एकता में बाधक, भटके हुए आन्दोलन बेटियों से बचाया | सोशल मीडिया और फेक न्यूज़ से वायरल हो रहे आडियो तथा उस पर की जा रही टिप्पणियों से ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग राजनैतिक स्वार्थसिद्वि के लिये एमएलसी पर ब्राह्मण विरोधी होने व उन पर अशोभनीय टिप्पणी करने का अनर्गल आरोप लगा रहे है। इन तथ्यों का खुलासा तब हुआ जब एमएलसी ने ट्विटर पर एक पत्र से सबको संबोधित किया | एमएलसी ने बोला “मैं यह दावा नही करता कि यह वायरल आडियों मेरा है या नही, बातचीत के अंश हमारे ही है या नही है। लेकिन इसे प्रसारित कराने की मंशा सर्वसमाज में मेरी लोकप्रियता को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास जरूर है, समाज में जातीयता का जहर घोलने वाले छद्म वेशधारी मुझ पर आरोप लगा रहे है कि मैंने कहा है कि ‘‘ब्राह्मण एक बीमारी है’’ जबकि आडियों में ही स्पष्ट है कि कहने वाले ने यह कहा है कि ‘‘ब्राह्मणों की बीमारी दूर कर ली गई हैै, इसका मतलब आडियों में कहने वाले के ये भाव है कि ब्राह्मणों की नाराजगी दूर कर ली गई है, इसमें कही कहते नही सुना गया कि ब्राह्मण जाति एक बीमारी है| इस वाक्यांश से किसी भी प्रकार से किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की मंशा बिल्कुल प्रतीत नही होती है, अब विद्वेष फैलाने वालों की नजर में यदि इस आडियों के एक वाक्यांश में परिलक्षित भावना निंदनीय है तो दो वर्ष बाद इसे प्रसारित करवाने वालों की भावना अभिनन्दनीय कैसे हो सकती है? मैं हतप्रभ हूँ कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कुछ लोगों द्वारा जो प्रायोजित भ्रम फैलाया जा रहा है उससे समाज को दिशा देने वाला अत्यन्त बुद्धिजीवी ब्राह्मण समाज कैसे भ्रमित हो सकता है, आखिर दो वर्ष पूर्व यदि यह आडियो उनके पास था तो अब तक प्रसारित क्यों नही कराया गया क्या ब्राह्मण समाज को इसमें कुछ दाल में काला प्रतीत नही होता है, क्या ब्राह्मण समाज सहर्ष स्वीकार कर लेगा