बस एक चीज का इंतजार
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज कराने को लेकर खेल प्रेमियों और खेल प्रशासकों में मतभेद हैं। अब बीसीसीआइ सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज करवाने के लिए भारत सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
2008 में भारत के मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच केवल एक सीरीज हुई है। तब से दोनों देशों के बीच रिश्ते बनते-बिगड़ते रहे हैं, पर इनमें स्थायित्व देखने को नहीं मिला है। 2009 में पाकिस्तान में गई श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद से कोई भी टीम पाकिस्तान का दौरा करने से कतराती रही है। तभी से पाकिस्तान यूएई जैसे देश में दूसरे देशों के साथ क्रिकेट सीरीज खेलकर थोड़ी-बहुत कमाई कर रहा है।
भारत और पाकिस्तान ने आखिरी बार 2012-13 में भारत में टी 20 और वनडे सीरीज खेली थी। तीन वनडे मैचों की सीरीज पाकिस्तान ने 2-1 से जीती थी और 2 टी 20 मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर रही थी।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने अपने नुकसान का अनुमानित अनुमान लगाकर बीसीसीआइ को नोटिस भेजा है और कहा है कि बीसीसीआइ उसे करीब 40 करोड़ रुपए की रकम दे। पीसीबी का कहना है कि दोनों देशों के बीच 2015 में छह क्रिकेट सीरीज खेलने को लेकर समझौता हुआ था, जिसमें से अब तक तीन सीरीज खेल ली जानी चाहिए थी। इनमें से दो पाकिस्तान में और एक भारत में होनी थी।
बीसीसीआइ सचिव चौधरी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज खेलने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ था। हां, इस बारे में बीसीसीआइ की ओर से एक पत्र पीसीबी को लिखा गया था। उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ चाहता है कि पीसीबी के साथ सीरीज हो, पर सरकार की ओर से इजाजत नहीं मिली है। उन्होंने आगे बताया कि मार्च में ही सरकार को इस सीरीज की इजाजत लेने के लिए पत्र भेजा गया था। चौधरी ने कहा कि बीसीसीआइ इस पत्र का सम्मान करता है और पीसीबी के साथ सीरीज करवाना चाहता है, पर सरकार की इजाजत के बिना यह संभव ही नहीं है।