उत्तराखण्ड

पांच घंटे जिंदगी से जूझता रहा ग्रामीण

रुद्रप्रयाग : वर्ष 2013 की आपदा के बाद रुद्रप्रयाग जिले में नदी पार करने के लिए लगी ट्रॉलियां जिंदगी पर भारी पड़ रही हैं। ट्रॉली में फंसा एक ग्रामीण पांच घंटे जिंदगी और मौत के बीच झूलता रहा। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ की मदद से देर शाम ग्रामीण को निकाल लिया गया।

घटना रुद्रप्रयाग से 30 किलोमीटर दूर चंद्रापुरी कस्बे की है। मंदाकिनी नदी के पार चंद्रापुरी गांव के रहने वाले पंकज जोशी का डेढ़ माह का बच्चा बीमार है। वह बाजार से दवा लेकर गांव लौटने के लिए ट्रॉली में सवार हुए। करीब दस मीटर आगे बढ़ ही थे कि ट्रॉली की एक तार टूट गई।

नीचे उफनती मंदाकिनी और ऊपर झूलती ट्रॉली में फंसे पंकज को देख ग्रामीणों की सांस अटक गई। आननफानन चंद्रापुरी की प्रधान सुलोचना देवी ने इसकी सूचना प्रशासन को दी।

डीएम के निर्देश पर एसडीआरएफ, पुलिस और ट्रॉली की देखरेख की जिम्मेदारी संभालने वाले लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की टीम मौके पर पहुंची। ग्राम प्रधान सुलोचना देवी ने बताया कि करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद देर शाम सवा आठ बजे रस्सियों के सहारे बचाव दल ने पंकज जोशी को ट्रॉली से निकाल लिया।

दूसरी ओर ग्रामीणों में लोनिवि के प्रति भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि ट्रॉली की मेंटीनेंस में लोनिवि लापरवाही कर रहा है। ट्रॉली की तार टूटने से 13 गांवों शेष दुनिया से कट गए हैं।

इस मामले में लोनिवि के अधिशासी अभियंता मनोज दास ने बताया कि बेयरिंग खराब होने से तार टूटा है। उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्य पूरा कर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।

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