38 साल बाद मिला सियाचिन के हीरों का पार्थिव शरीर, सेना ने ऐसे दी अंतिम विदाई

हल्द्वानी। आखिरकार 38 साल बाद बुधवार को ऑपरेशन मेघदूत में शामिल रहे शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर हल्द्वानी स्थित उनके घर पहुंचाया गया। हालांकि पार्थिव शरीर पूरी तरह सही न होने से परिवार अंतिम बार शहीद का चेहरा नहीं देख पाया।
डहरिया क्षेत्र के सरस्वती विहार स्थित आवास में शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और रेखा आर्य ने शहीद के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मई 1984 को 19 कुमाऊं बटालियन में लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला सियाचिन ग्लेशियर में सेना के एक अभियान के दौरान हुए हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए थे। 38 साल बाद बीती 13 अगस्त को गश्त के दौरान सेना को उनका पार्थिव शरीर बर्फ में दबा हुआ मिला। बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को लद्दाख से चंडीगढ़ होते हुए हल्द्वानी के सरस्वती विहार स्थित उनके आवास लाया गया। जहां परिजनों, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों व पूर्व सैनिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को चित्रशिला घाट ले जाया गया, जहां सैन्य सम्मान से शहीद की अंत्येष्टि की गई। चिता को मुखाग्नि शहीद की दो बेटियों, भाई और भतीजों ने दी।
पुष्पवर्षा: शहीद के पार्थिव शरीर को आर्मी कैंट से सरस्वती विहार लाना था। इसकी जानकारी सभी को थी। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों ने पहले से तैयारी की हुई थी। जहां से भी शहीद की यात्रा निकली वहां छतों पर इंतजार कर रहे लोगों ने पुष्प वर्षा की। इस दौरान शहर की गलियां भारत माता की जय के नारों से गूंजती रहीं।
शहीद चंद्रशेखर की यादों को सैन्य धाम में संजोएंगे
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीद चंद्रशेखर हर्बोला की स्मृतियों को सैन्य धाम में संजोया जाएगा। युवा पीढ़ी उनके आदर्शों एवं वीरता के उदाहरणों से प्रेरणा लेगी। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। शहीद चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम धामी ने कहा कि देश के लिए बलिदान देने वाले उत्तराखंड के शहीद सैनिकों के लिए प्रदेश सरकार सैन्य धाम की स्थापना कर रही है। शहीद चंद्रशेखर की यादें सैन्य धाम में हमेशा जिंदा रहेंगी।