उत्तराखण्ड

राष्ट्रपति प्रत्याशी कोविंद का हरिद्वार से पुराना नाता

हरिद्वार: एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार व बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का हरिद्वार से पुराना नाता रहा है। कोविंद हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आजीवन संरक्षक भी हैं। उनकी पत्नी सविता समाजसेवी हैं और मिशन की ओर से संचालित विद्यालय के एक बालक का सालाना खर्च भी उठाती हैं।

मूलरूप से कानपुर (उप्र) के रहने वाले कोविंद के राष्ट्रपति उम्मीदवार चुने जाने से चंडी चौक पुल के पास स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। यह संस्था 12 जनवरी 1997 को अस्तित्व में आई थी।

आजीवन संरक्षक होने के नाते कोविंद नियमित अंतराल पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन में आते रहे हैं। बच्चों से उनका अगाध प्रेम और लगाव है। वह मिशन के कुष्ठ रोगियों  के लिए खोले गए विद्यालयों में बच्चों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन करते रहे हैं।

वर्ष 2002 में राज्यसभा सांसद रहने के दौरान कोविंद ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से संचालित विद्यालय के छात्रों के लिए बनाए छात्रावास में सांसद निधि से 25 लाख की धनराशि दी थी।

संस्था के मीडिया प्रभारी बालकृष्ण शास्त्री ने बताया कि बिहार का राज्यपाल बनने के बाद 11 अप्रैल 2016 को कोविंद हरिद्वार स्थित मिशन में आए थे। उन्होंने अद्र्धकुंभ के दौरान मिशन की ओर से ‘मंथन: भारतीय संस्कृति के विकास में गंगा’ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी।

धर्मनगरी में कथा व धार्मिक कार्यक्रम में भी कोविंद परिवार समेत शिरकत करते रहे हैं। माधवराव देवले शिक्षा मंदिर हरिद्वार व वंदेमातरम कुंज पौड़ी गढ़वाल स्थित दिव्य भारत शिक्षा मंदिर में एक छात्रावास प्रदीप वाटिका नाम से है। इस छात्रावास में रहने वाले एक बालक का खर्चा कोविंद की पत्नी सविता उठाती हैं। उनकी ओर से हर साल करीब 18 से 20 हजार रुपये का चेक भेजा जाता है।

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