उत्तराखण्ड

बाबा केदार के धाम में हुआ चमत्कार, जाने वाले श्रद्घालु कर रहे नमस्कार

केदारनाथ में इस बार जून में एक ऐसा चमत्कार हुआ है जो वहां जाने वाले श्रद्घालु देखकर बता रहे हैं क‌ि आज से पहले कभी नहीं हुआ। तो चल‌िए आप भी जान‌िए बाबा केदार के धाम के हुए इस चमत्कार के बारे में।

यहां हम ज‌िस चमत्कार की बात कर रहे हैं वह है जून में केदारघाटी में ख‌िलने वाले ब्रह्मकमल। तीन साल पहले पुलिस द्वारा स्थापित ब्रह्म वाटिका में खिले ब्रह्मकमल के फूल श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

उनका कहना है क‌ि यह पहला मौका है, जब जून माह के पहले पखवाड़े में क्षेत्र में यह उच्च हिमालयी पुष्प खिला हो। वैसे यह पुष्प जुलाई-अगस्त में खिलता है। बताया जाता है क‌ि केदारनाथ के कपाट खुलने के मौके पर ब्रह्मकमल से ही उनका पूजन होता है।

तीन मई से शुरू हुई बाबा केदार की यात्रा में ड्यूटी दे रहे पुलिस के जवान केदारनाथ में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल भी पेश कर रहे हैं। वर्ष 2015 से चौकी प्रभारी विपिन चंद्र पाठक के नेतृत्व में पुलिस द्वारा कैंप में ब्रह्मवाटिका की स्थापना की गई थी। तब, यहां ब्रह्मकमल के पुष्प के साथ रुद्राक्ष का पौधा व अन्य फूल के पौधे रोपे गए थे।

  अब वाटिका में पांच ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए हैं, जो बाबा केदार के दर्शनों को धाम पहुंच रहे भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के उच्च शिखरीय पादप वानिकी शोध संस्थान (हैप्रेक) के वैज्ञानिक डा. विजयकांत पुरोहित का कहना है कि केदारनाथ जैसे मध्य हिमालय क्षेत्र में ब्रह्मकमल पुष्प के अभी खिलने की प्रमुख
डा. पुरोहित के मुताबिक अमूमन ब्रह्मकमल का पुष्प जुलाई अंत से अगस्त शुरू के बीच में खिलता है, जो अक्तूबर तक रहता है। केदारनाथ में ब्रह्मकमल के खिलने पर अब, यह देखना होगा कि समय से करीब डेढ़ माह पूर्व खिले इस पुष्प पर बीज कितना परिपक्व होता है।
जून महीने में ब्रह्मकमल के पुष्प के खिलने का मतलब यह भी है कि मध्य हिमालय क्षेत्र में उगने वाले अन्य प्रजातियां के फूल भी समय से पहले खिल रहे हैं, जो शोध का विषय है। हैप्रेक की टीम तुंगनाथ व अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसका अध्ययन करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button