उत्तराखण्डराजनीति

बाबा केदार से पूछेंगे हरीश रावत, भगवान कहां गलती हुई

देहरादून। पहले विधानसभा और अब लोकसभा चुनाव में पराजय झेल चुके कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अब बाबा के दर पर केदारनाथ जाएंगे। हालांकि, अभी इसकी तिथि तय नहीं की गई है, लेकिन रविवार को हरिद्वार में उन्होंने मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘मैं बाबा से पूछना चाहता हूं कि भगवन कहां गलती हो गई।’ उन्होंने यह भी कहा कि वह चुनाव हारे हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि उत्तराखंडियत भी हार रही है।

लोकसभा की नैनीताल सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भले ही बड़े अंतर से चुनाव हारे हों, मगर उनके चेहरे पर शिकन नजर नहीं आती। रविवार को देहरादून और हरिद्वार में उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में न सिर्फ शिरकत की, बल्कि राज्य व केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। साथ ही हार को लेकर अपने अंदाज में तर्क भी दिए।

मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत रावत ने स्वीकारा कि हार हुई है। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता था कि 2017 का विधानसभा चुनाव इत्तेफाक हो सकता है। तब एक नारा डबल इंजन का दिया गया था। शायद उससे लोगों को लगा कि बेहतर सपना है वह पूरा हो रहा है, लेकिन दो ढाई साल में यह सपना बिखर गया। इसके साथ ही उत्तराखंडियत भी बिखर रही है।’ उन्होंने कहा कि केदारनाथ जाकर वह बाबा से पूछेंगे कि कहां गलती हो गई। साथ ही जोड़ा कि प्रधानमंत्री तीन-चार बार केदारनाथ आ चुके हैं, मगर केदारनाथ में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

हरिद्वार वालों का श्राप लग गया

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने हरिद्वार में उनसे मिलने आए लोगों से हार को लेकर चुटकी ली। नैनीताल सीट के नतीजे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी ने उनसे पूछा कि क्या रहा, इस पर उनके द्वारा कहा गया कि हरिद्वार वालों का श्राप लग गया। बता दें कि रावत पूर्व में हरिद्वार से सांसद रह चुके हैं। इस बार उनके यहां से चुनाव लडऩे की चर्चा थी, मगर वह चुनाव लड़े नैनीताल से और हार गए।

कोश्यारी पर किया पलटवार

देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के उस बयान पर चुटकी ली, जिसमें उन्हें हारदा कहा गया। रावत ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता उन्हें हारा हुआ बता चुटकी ले रहे हैं, लेकिन उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि हार-जीत चुनाव का हिस्सा है। उन्हें समझ लेना चाहिए कि उनकी यह जीत हमेशा के लिए नहीं है। कांग्र्रेस पुरानी पार्टी है और वह वापसी करना अच्छे से जानती है। उन्होंने भाजपा को अपने पुराने दिन न भूलने की नसीहत दी।

एनएच-74 घोटाले पर सरकार को घेरा

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी हमला बोला। एनएच-74 मुआवजा घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच से यह सरकार हमेशा बचती रही है। कांग्र्रेस शुरू से ही घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग कर रही है, मगर सरकार ने एसआइटी से जांच करा खानापूर्ति की। शुरू में दिखावे के लिए कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की, अब सबको बहाल कर दिया।

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