नई दिल्ली। कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार के फैसले के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आ गई है। पाकिस्तान ने हालात पर विचार के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में नेशनल सेक्योरिटी कमेटी की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और उसमें भारत के राजनयिक दर्जे को कम करने का फैसला किया। साथ ही इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेजने का निर्णय लिया। पाकिस्तान ने भारत आने-जाने वाली उड़ानों के लिए अपना हवाई रूट भी पांच सितंबर तक के लिए आंशिक रूप से बंद किया है। हवाई रूट अलसुबह 2:45 से सुबह 11 बजे तक बंद रहेंगे। प्रेट्र के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा एयर कॉरिडोर बंद किए जाने से भारत की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 12 मिनट का अतिरिक्त समय लगेगा। इस रूट से एयर इंडिया रोजाना 50 उड़ानें संचालित होती हैं।
खिसियाए पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार को पूरी तरह से स्थगित करने और सभी द्विपक्षीय व्यवस्थाओं की समीक्षा का फैसला भी किया है। इस बैठक में पाक के स्वतंत्रता दिवस यानी 14 अगस्त को कश्मीरियों के साथ सौहार्द दिवस के तौर पर और भारत के स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को ब्लैक डे के तौर पर मनाने का भी फैसला किया गया। बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री, शिक्षा मंत्री, मानवाधिकार मंत्री, कानून मंत्री, वित्त सलाहकार, सभी सेनाओं के प्रमुख, आइएसआइ के डीजी, विदेश सचिव समेत कुछ अन्य अधिकारी शामिल थे। बैठक में पीएम खान ने अपनी सेना को चाक चौबंद रहने का भी निर्देश दिया है।
बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘हम अपने उच्चायुक्त को नई दिल्ली में नहीं रखेंगे और ना ही भारत के उच्चायुक्त हमारे देश में रहेंगे।’ पाकिस्तान के इस फैसले के बाद दोनों देशों को एक दूसरे के यहां स्थित उच्चायोग से अपने कर्मचारियों की संख्या भी घटानी होगी। इससे वीजा देने से लेकर दूतावास के अन्य सभी सामान्य कार्यो पर असर होगा। इससे दोनों देशों के बीच करतारपुर कॉरीडोर शुरू करने के लिए हो रही बातचीत पर भी असर पड़ने के आसार हैं।
हास्यास्पद है पाक का फैसला
भारत में जानकारों का कहना है कि पीएम इमरान खान का यह फैसला बहुत हद तक वहां अपनी सरकार की प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए है। द्विपक्षीय कारोबार को बंद करने का फैसला तो हास्यास्पद है क्योंकि पुलवामा हमले के बाद भारत ने अपनी तरफ से ही पाकिस्तान से आयात को बंद करने का निर्णय किया था। इसी तरह से भारत के आजादी दिवस को काला दिवस के तौर पर मनाने का उनका फैसला भी झुंझलाहट दिखाता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान को अदूरदर्शी बताया और कहा कि इससे भारत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
खटखटाएगा चीन का दरवाजा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने इस मुद्दे को लेकर चीन जाने की बात भी कही है। पाकिस्तान ने यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने की बात भी कही है। इसके अलावा पाक के पीएम इमरान खान ने सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भी फोन पर अनुच्छेद 370 पर भारत के कदम की चर्चा की।
पहले भी टूटे हैं रिश्ते
भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों का दर्जा कम करने या पूरी तरह तोड़ने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 1965 और 1971 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध पूरी तरह खत्म हो गए थे। दोनों देशों ने अपने उच्चायोग बंद कर अधिकारियों को वापस बुला लिया था। इसी तरह, 1999 और 2002 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों का दर्जा कम कर लिया था।
तनाव घटाने के लिए तुरंत बातचीत की जरूरत : अमेरिका
पाकिस्तान की ओर से भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेजने और भारत के साथ कूटनीतिक संबंध के दर्जे को घटाने के कुछ घंटों बाद अमेरिका ने दक्षिण एशिया में तनाव घटाने और सैन्य जमावड़ा रोकने के लिए सभी पक्षों के बीच तुरंत बातचीत पर जोर दिया। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों का स्वागत करेगा। हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए माहौल तैयार करने और तनाव घटाने के प्रयासों में मदद जारी रखेंगे।’