कॉर्बेट के टाइगर सफारी प्रकरण में सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा

देहरादून। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान व निर्माण कार्यों में अनियमितता के मामले में आरोपित तत्कालीन प्रभागीय वन प्रभागीय अधिकारी किशनचंद समेत दो आरोपितों पर सेंट्रल ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन (सीबीआई) ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर लिया।
उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार शाम हरिद्वार में आरोपित किशनचंद के घर और देहरादून में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर दबिश दी। इस दौरान मामले से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लेने की बात बताई जा रही। सूत्र बता रहे हैं कि सीबीआई इस प्रकरण में और आरोपितों को भी नामजद कर सकती है। इस प्रकरण की पूर्व में हुई जांच में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका पर भी प्रश्न उठाए गए थे। पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान का मामला तब सामने आया था, जब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने इस संबंध में मिली शिकायत की स्थलीय जांच की। साथ ही शिकायत को सही पाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की। इस प्रकरण की अब तक कई एजेंसियां जांच कर चुकी हैं। ये बात सामने आई कि सफारी के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ों के कटान के साथ ही बड़े पैमाने पर बिना वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कराए गए। सुप्रीम कोर्ट की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस प्रकरण में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह की भूमिका पर भी प्रश्न उठाते हुए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया था। भारतीय वन सर्वेक्षण की जांच में यहां छह हजार से ज्यादा पेड़ों के कटान की बात सामने आई थी। मामले में दो आएफएस भी निलंबित किए गए थे।