राष्ट्रीय

भारतीय सेना को मिले ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बने इंजन

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में निर्मित उच्च क्षमता और बहु ईंधन वाले दो श्रेणी के इंजनों को शनिवार को औपचारिक तौर पर थल सेना को सौंपा। आयुध निर्मात्री बोर्ड की इकाई इंजन फैक्टरी, अवाडि ने पहली बार सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत इन इंजनों का निर्माण किया है।
कारखाने में आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने दोनों तरह के इंजन के दस्तावेज थलसेना के उपाध्यक्ष देवराज अंबू को सौंपा। वी-92 एस-2 इंजन 1000 हॉर्सपावर का है और उसका इस्तेमाल टी-90 भीष्म टैंक में किया जाएगा। वहीं, वी-46-6 इंजन का प्रयोग टी-72 अजय टैंक में किया जाएगा। हालांकि रूसी डिजाइन के आधार पर इन इंजनों का निर्माण किया गया है। भारत टर्बोचार्जर, सुपरचार्जर, फ्यूल इंजेक्शन पंप जैसे महत्वपूर्ण पुर्जों के लिए रूस पर निर्भर था। इंजन फैक्टरी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत इन दोनों इंजनों का निर्माण 100 प्रतिशत देशी सामान से किया है। इंजन कारखाने के स्वदेशीकरण के प्रयासों से हर साल 80 करोड़ रुपये की बचत की संभावना है। अधिकारियों ने कहा कि बिना किसी आयात समर्थन के भारत में इन इंजनों के निर्माण आयुध निर्मात्री बोर्ड की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। उल्लेखनीय है कि इस इंजन फैक्ट्री ने 1987 में अपनी स्थापना के बाद से 12,000 से अधिक इंजनों का निर्माण किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button