विजयवाड़ा,
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के जग्गैयापेट कस्बे में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां एक 75 वर्षीय महिला को स्थानीय अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिवार ने महिला का शव लेकर अंतिम संस्कार भी कर दिया। लेकिन परिवार तब हैरान रह गया, जब बुधवार को महिला अपने घर लौट आई। ऐसे में परिवार और रिश्तेदार हैरान रह गए।गिरिजाम्मा नाम की महिला कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थी। इसके बाद उन्हें 12 मई को विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने बताया कि गिरिजाम्मा की तबीयत बिगड़ रही है। 15 मई को अस्पताल ने गिरिजाम्मा को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के सूचित करने पर परिवार गिरिजाम्मा के शव को अस्पताल से ले गिरिजाम्मा के भतीजे नागू ने बताया कि गदय्या(गिरिजाम्मा के पति) 15 मई को उनकी हालत जानने के लिए अस्पताल गए तो पाया कि वह अपने बेड से गायब थीं। अस्पताल के सभी वार्डों की अच्छी तरह से जांच करने के बाद भी गदय्या, गिरिजाम्मा का पता लगाने में असफल रहे। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने गदय्या से कहा कि वह अपनी पत्नी को शवगृह में जाकर ढूंढ लें। जब वह शवगृह में गया, तो उसे एक मृत शरीर अपनी पत्नी जैसा लगा। उसने कर्मचारी को बताया कि उसने अपनी पत्नी के मृत शरीर को पहचान लिया है। इसके बाद गदय्या को मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ शव सौंप दिया गया। 15 मई को ही गदय्या ने गिरिजाम्मा इसके बाद गदय्या के बेटे रमेश की भी 23 मई को कोरोना के कारण मौत हो गई। गदय्या ने मंगलवार को गिरिजाम्मा और रमेश की शोक सभा एक साथ की थी। इन सबसे अंजान गिरिजाम्मा को बुधवार को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली तो वह यह देखकर हैरान थी कि उन्हें कोई लेने क्यों नहीं आया। ऐसे में वह अकेले ही घर आई, तो उन्हें पूरी घटना के बारे में पता चला। अब दंपति रो-रोकर बस एक ही दुआ मांग रहे हैं कि एक चमत्कार और हो जाए, उनका बेटा रमेश भी किसी दिन घर लौट आए।