ऑनलाइन शॉपिंग में हुए धोखे का शिकार तो 14 दिन में मिलेगा रिफंड
ई कॉमर्स कंपनियों को झूठा प्रचार कर ऑनलाइन सामान बेचना महंगा पड़ सकता है। सरकार ऐसी कंपनियों पर नकेल कसने के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रही है। इसके तहत गलत या खराब सामान बेचने पर दो सप्ताह में रिफंड देना होगा। वहीं, 30 दिन में शिकायत दूर करनी होगी। उपभोक्ता मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि नए दिशा-निर्देश तैयार हैं। संसद के मानसून सत्र के बाद नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।
रिफंड 14 दिनों में : नए नियमों में टूटा हुआ सामान, गलत, जाली या जैसा विवरण वेबसाइट पर दिया था, वैसा सामान नहीं होने पर उपभोक्ता को उसे लौटाने का अधिकार होगा। इस स्थिति में उपभोक्ता को 14 दिन में रिफंड देना होगा। कंपनी को वेबसाइट पर सामान लौटाने की पॉलिसी भी प्रदर्शित करनी होगी।
विक्रेता की जानकारी : अधिकांश ई कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर केवल विक्रेता का नाम होता है। नए नियमों के तहत सामान मुहैया कराने वाले विक्रेता की पूरी जानकारी देनी होगी। मसलन, विक्रेता कौन है। उसका पता, फोन नंबर आदि।
पल्ला नहीं झाड़ सकते : कोई सामान जाली निकलता है या गुणवत्ता ठीक नहीं होती है, तो यह ई कॉमर्स और विक्रेता दोनों की जिम्मेदारी होगी। अभी तक कंपनियां यह कहकर पल्ला झाड़ लेती थी कि वह सिर्फ प्लेटफार्म मुहैया कराती हैं। सामान की गुणवत्ता को लेकर उनकी जिम्मेदारी नहीं है। इसके साथ ही ई-कॉमर्स वेबसाइट को उपभोक्ता से जुड़ी जानकारियों को गोपनीय रखना भी जरूरी होगा।
कानूनी अपराध के दायरे में-
नए नियमों के मुताबिक, किसी सामान के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना या झूठे ग्राहकों के जरिए समीक्षा लिखना कानूनी तौर पर अनुचित वाणिज्यिक गतिविधि के दायरे में आएगा। प्रतिस्पर्धी से मुकाबले के लिए सामान को नए या गलत नाम से बेचना भी कानूनी तौर पर अपराध के दायरे में होगा।