बेंगलुरू। कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद खान (Zameer Ahmed Khan) ने दावा किया है कि कांग्रेस के चारों असंतुष्ट विधायकों (4 dissenting Congress MLAs) को मना लिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें रास्ते से भटका दिया था। खान ने कहा कि अब विधायकों को पता चला है कि उन्होंने जो रास्ता चुना था वह गलत था। मंत्री ने कहा कि गलती का अहसास होने पर सभी चारों असंतुष्ट विधायक वापस घर लौट आए हैं।
ज़मीर अहमद खान ने कहा कि चारों विधायकों को अयोग्य घोषित करने का फैसला पार्टी हाईकमान करेगा। हम लोगों ने पहले ही इस संबंध में राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया है। फिलहाल अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इन विधायकों पर कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं।
इससे पहले बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के नौ विधायक विधानसभा से नदारद थे। इनमें वे चारों विधायक भी शामिल हैं जो 18 जनवरी को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं आए थे। इनके अलावा जेडीएस का एक विधायक, सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय और केपीजेपी के एक-एक विधायक और भाजपा के चार विधायक भी विधानसभा से अनुपस्थित रहे थे। हालांकि भाजपा का कहना था कि उसके चारों विधायकों ने निजी कारणों से पहले ही इसकी अनुमति ले ली थी।
कांग्रेस के अनुपस्थित नौ विधायकों में असंतुष्ट रमेश जर्किहोली, महेश कुमतल्ली, उमेश जी. जाधव और बी. नागेंद्र के अलावा जेएन गणेश भी शामिल हैं। गणेश वही हैं जिन पर रिजॉर्ट में साथी विधायक पर हमला करने का आरोप है। कांग्रेस ने भाजपा पर फरीद-फरोख्त करने की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया था। हांलाकि भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया था।
बता दें कि हाल ही में संसद में भी कर्नाटक के जेडीएस और कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठा था। लोक सभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने एक ऑडियो क्लिप का उदाहरण दिया जिसमें कथित तौर पर भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा द्वारा सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में शामिल एक विधायक को प्रलोभन देकर अपनी ओर मिलाने का आरोप लगाया गया था।