आईएमए के एक कर्नल महिला क्लर्क से संबंध बनाने और स्पर्म डोनेट के मामले में बुरी तरह फंसे
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में तैनात रहे एक लेफ्टिनेंट कर्नल पर कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की गई है। लेफ्टिनेंट कर्नल पर सिविलियन महिला क्लर्क से संबंध बनाने और उसके आइवीएफ ट्रीटमेंट के लिए स्पर्म डोनेट करने का आरोप था। महिला का पति सेना में हवलदार है। कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैैं। जिसके बाद सजा के तौर पर उसकी मूल रैंक, बढ़ा हुआ वेतन और रैंक की तीन साल की वरिष्ठता को वापस ले लिया गया है।
<span;>मिली जानकारी के अनुसार उक्त अधिकारी सेना की एजुकेशन कोर से हैैं और घटना वक्त आइएमए की अकादमिक शाखा में तैनात थे। इस दौरान आइएमए में काम करने वाली एक महिला क्लर्क से उसके संबंध बने। महिला के पति कोर आफ इंजीनियर्स मेंहवलदार हैैं। वहीं, लेफ्टिनेंट कर्नल खुद भी शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैैं। जांच में पता चला है कि महिला के आइवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान भी वह कई बार उसके गए और स्पर्म डोनेट किए। यह मामला तब खुला जब अधिकारी की तैनाती आइएमए से बाहर हुई और उनका महिला से संपर्क एकदम कट गया। जिस पर महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और सैन्य अधिकारियों को भी इस पूरे मामले की जानकारी दी। अधिकारी के खिलाफ इसी साल 11 अप्रैल को कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई।
<span;> लेफ्टिनेंट कर्नल पर मुख्यत: तीन आरोप थे। पहला यह कि सेना के एक हवलदार की पत्नी के साथ संबंध बनाए। दूसरा यह कि महिला के आइवीएफ ट्रीटमेंट के लिए स्पर्म डोनेट किए। तीसरा उन्होंने महिला को अपनी पत्नी दिखा गलत तरीके से उसका आश्रित कार्ड बनवाया। शुरुआत में अधिकारी खुद पर लगे आरोपों को नकार दिया। पर महिला की ओर से उपलब्ध कराए गए व्हाट्सएप चैट, फोन रिकार्डिंग जैसे सबूतों के बाद अधिकारी पूरी तरह घिर गए। उन्होंने सभी आरोप स्वीकार लिए। बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर, रुड़की में चली कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के तहत उन्हें दोषी करार दिया गया है। आइएमए प्रशासन ने इस पूरे मामले में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है। अधिकारियों का कहना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल अब अकादमी में तैनात नहीं है।