पाकिस्तान के नए कप्तान इमरान खान की भारत के बारे में कैसी है सोच

पाकिस्तान के आम चुनाव में सभी दिग्गजों को धराशायी करते हुए सत्ता पर काबिज होने वाले नए कप्तान इमरान खान भारत से संबंधों को बेहतर बनाने की बात कही है। चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद पहली बार वीडियो लिंक ब्रॉडकास्टिंग के तौर पर सामने आए इमरान ने पाकिस्तान की जनता को अपनी सरकार के काम करने के तौर तरीकों और अपनी नीतियों की भी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जितने पारदर्शिता और इमानदारी से पाकिस्तान में इस बार चुनाव हुए हैं इससे पहले वो कभी नहीं हुआ।
कैसी होगी इमरान की विदेश नीति
इमरान खान ने माना है मौजूदा हालात में पाकिस्तान बेहद अशांत है जहां शांति कायम करने की सबसे अधिक जरूरत है। इसके लिए देश के अंदर और देश के बाहर बेहतर रिश्ते बनाने की जरूरत है। आपको बता दें कि इमरान और पाक सेना का काफी करीबी रिश्ता है। लिहाजा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इमरान की नीतियों में पाकिस्तानी सेना की झलक जरूर दिखाई देगी।
भारत : इमरान ने भारत की मीडिया पर नाराजगी भी व्यक्त की। उनका कहना था कि इंडियन मीडिया ने उन्हें विलेन कि तरह दिखाया है जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि वह अपने क्रिकेट के समय से ही भारत को अच्छी तरह से जानते आए हैं। यदि भारत सरकार चाहती है तो वह भी भारत से बेहतर संबंध बनाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में हर गलत चीज को भारत के मत्थे कर देना खत्म करना होगा। हालांकि यह दोनों देशों में एक जैसा ही है। इमरान ने यहां तक कहा कि यदि भारत दोस्ती की तरफ एक कदम आगे बढ़ाएगा तो हम दो कदम आगे बढ़ाने को तैयार हैं। लेकिन संबंध सुधारने हैं तो हमें कदम आगे बढ़ाने ही होंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर का मसला सबसे बड़ा है, जिसको हल करने की कवायद शिद्दत के साथ की जानी चाहिए। इस दौरान उन्होंने भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप भी लगाया। आपको बता दें कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान ने जीत के बाद कश्मीर के जिस मुद्दे की बात कही है वह उनके चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं था। लेकिन जीत के बाद वह इसको हवा देने में लग गए हैं।
चीन : इमरान का कहना है कि चीन से रिश्तों को और अधिक मजबूत करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान में निवेश कर हमें आगे बढ़ने और तरक्की करने का मौका दिया है। इकनॉमिक कॉरिडोर के जरिए चीन ने तरक्की का एक मार्ग बनाया है, जिसको अब आगे बढ़ाना है। इसके अलावा चीन से गरीबी दूर करने का भी तरीका भी पाकिस्तान को सीखना होगा। इसके अलावा चीन से भ्रष्टाचार खत्म करने के तरीके को भी सीखना होगा।
अफगानिस्तान : इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान वर्षों से आतंक की मार झेल रहा हे। अफगानिस्तान में शांति का अर्थ है पाकिस्तान में शांति स्थापित होना। उनका कहना था कि वह अफगानिस्तान से लगती सीमा को उसी तरह से करना चाहते हैं जैसे यूरापीयन यूनियन के देशों में है।
अमेरिका : अमेरिका से संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि वह अमेरिका से ऐसे संबंध चाहते हैं जिसमें दोनों देशों को फायदा हो, न कि एकतरफा।
ईरान और सऊदी अरब : उनका कहना था कि वह ईरान और सऊदी अरब से बेहतर संबंध बनाना चाहते हैं। सऊदी अरब ने बुरे दौर में भी पाकिस्तान का साथ दिया है। लिहाजा आपसी परेशानियों को भी हमें आपसी सुलह के साथ सुलझाना होगा।
लाइव स्ट्रिमिंग एपियरेंस में इमरान के बोल
इस वीडियो एपियरेंस में उन्होंने कहा कि 22 वर्षों के बाद उनका सत्ता सपना पाने और पाकिस्तान को जिन्ना के सपनों का देश बनाने का मौका मिला है। 65 वर्षीय इमरान ने ये भी कहा कि उनके सत्ता पर काबिज होने के बाद साफ कर दिया कि वह किसी नेता पर द्वेषपूर्ण बर्ताव नहीं करेंगे। इस दौरान उन्होंने शाहबाज शरीफ का नाम लिए बिना कहा कि जिन्हें चुनाव परिणा पर शक है उनके लिए वह इसकी जांच करवाने को भी तैयार हैं। आपको बता दें कि परिणाम के तुरंत बाद शाहबाज शरीफ ने इन्हें खारिज करते हुए कहा कि इनमें धांधली की बात कही थी। शाहबाज की टिप्पणी पर उन्होंने यहां तक कहा कि अब से पहले कभी पाकिस्तान में इतनी पारदर्शिता और इमानदारी से चुनाव नहीं हुए। उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा पाकिस्तान बनाएंगे जो आज तक नहीं बन पाया। इसके अलावा सरकार अपने खर्च को कम से कम करेगी और लोगों की सहूलियत पर ज्यादा ध्यान देगी। पीएम हाउस जैसे बड़े घरों को शिक्षण संस्थान में बदलेगी।
हर जगह पीटीआई का लहराया परचम
आपको यहां पर बता दें कि इमरान खान इस चुनाव में पांच जगहों से खड़े हुए थे और पांचों पर ही उन्हें जबरदस्त जीत हासिल हुई है। इन पांच जगहों में से उन्हें महज लाहौर में कुछ चुनौतियों का सामना जरूर करना पड़ा है। वह मियांवाली, बानू, कराची, लाहौर और मूरी से मैदान में थे। इस चुनाव में उन्होंने और उनकी पार्टी के दूसरे प्रत्याशियों ने कई दिग्गजों को धराशायी कर दिया। इनमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खक्कान अब्बासी का भी नाम शामिल है। अब्बासी दो जगहों से चुनावी मैदान में उतरे थे जहां उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं पीटीआई के प्रत्याशियों से पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ जो खुद पार्टी की तरफ से पीएम का चेहरा थे, को भी हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा पीपीपी को भी इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। खुद आसिफ अली जरदारी अपनी सीट नहीं बचा पाए। इतना ही नहीं पार्टी के गढ़ ल्यारी में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।