केंद्रीय कर्मियों के लिए बुरी खबर, RBI की तरफ से आया यह बयान
नई दिल्ली: 7वां वेतन आयोग आने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 18000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए करने की मांग केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है. मीडिया रिपोर्टों में दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2018 को न्यूनतम वेतनमान की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो इससे एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर को लाभ मिलेगा. हालांकि आरबीआई की एक चेतावनी इस उम्मीद पर पानी फेर सकती है. आरबीआई ने इस माह की शुरुआत में मौद्रिक नीति की समीक्षा की थी. इसमें एक बार फिर आशंका जताई गई है कि एचआरए (हाउस रेंट एलाउंस) में संशोधन से महंगाई बढ़ने का खतरा बरकरार है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार आरबीआई की चिंता पर अमल करती है तो वेतन बढ़ने की उम्मीदें क्षीण हो सकती हैं. केंद्रीय बैंक ने पहले भी कहा था कि 7वें वेतन आयोग को लागू करने से महंगाई दर पर असर पड़ा है. रिवाइज्ड एचआरए स्ट्रक्चर जुलाई 2017 में अमल में आया है.
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 25 आधार अंक बढ़ोतरी
आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान रेपो रेट में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी कर इसे 6.5% कर दिया था. वहीं रिवर्स रेपो रेट बढ़ाकर 6.25% कर दिया गया था. अभी केंद्रीय कर्मचारियों को बेसिक पे फिटमेंट फैक्टर के आधार पर मिल रही है. फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में किया गया था, यानि 6ठे वेतन आयोग के दौरान जो बेसिक पे थी उससे फिटमेंट फैक्टर को गुणा कर दिया जाए. इस आधार पर 7वें वेतन आयोग के तहत बेसिक पे बनती है.
केंद्र सरकार खारिज कर चुकी है वेतन बढ़ोतरी की संभावना
केंद्र सरकार संसद में वेतन में किसी भी बढ़ोतरी की संभावना को खारिज कर चुकी है. लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7वें वेतन आयोग से इतर न्यूनतम वेतनमान में किसी बढ़ोतरी के लिए राजी नहीं हैं. हालांकि हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार इस तरह की घोषणा कर सकती है.
आरबीआई ने महंगाई दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया
लेकिन आरबीआई ने कहा है कि 2018-19 की पहली छमाही में महंगाई की दर 4.8 से 4.9 प्रतिशत के बीच रहेगी और दूसरी छमाही में इसके 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसमें केंद्रीय कर्मचारियों का एचआरए इम्पैक्ट शामिल है. इस महंगाई दर के और ऊपर जाने का भी अनुमान है. अगर एचआरए इम्पैक्ट को हटा दें तो महंगाई की दर में 0.1 फीसदी की कमी रहने का अनुमान है.